![](https://vindhyachaltoday.com/wp-content/uploads/2022/09/Untitled-2.jpg)
घटतौली का शिकार हो रहे उपभोक्ता नाप तौल विभाग नहीं कर रहा कार्यवाही ।
रीवा। शहर के उपभोक्ता इन दिनो घटतौली का शिकार हो रहे है। लेकिन इसकी रोक थाम के लिए बना नाप तौल विभाग कार्यालय तक ही सीमित रह गया है। शहर में छोटे बड़े सभी मिलाकर तकरीबन 35 से 40 हजार करोबारी हैं। लेकिन कार्यवाही के नाम पर विभाग के द्वार वर्ष भर में सिर्फ़ 29 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। पंजीबद्ध मामलों में कम तौल, पैकिंग में मूल्य का न होना, तौल उपकरण सत्यापित न होना इत्यादि मामले है। नाप तौल विभाग का मुख्य कार्य शहर के कारोबारियों के मापक उपकरण, तराजू बाट, इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरण, लीटर इत्यादि उपकरणों की जांच करना एवं उनका सत्यापन करना है। ताकी अपभोक्ता के साथ कोई कारोबारी ठगी न कर सके। लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण महगाई से तंग अपभोक्ता घटतौली का भी शिकार हो रहे हैं।
शहर में कई जगह खुलेआम पत्थर और ईंट के बाट बना कर उपभोक्ताओ को सामान दिया जा रहा है लेकिन ऐसे लोगों पर विभाग कोई कार्यवाही नही कर रहा। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरण भी उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती है कारण है इलेक्ट्रॉनिक तौल उपकरण में पहले से ऐसी फिक्सिंग की जाती है कि निर्धारित वजन में कुछ प्रतिशत की कमी की जाती है लेकिन उपकरण पूरा वजन बताता है और उपभोक्ता घटतौली का शिकार हो जाता है। हलाकि इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन की सत्यता की जांच के लिए सत्यापित मशीन की क्षमता के 10% के बराबर सत्यापित बाट को रखना चाहिए अगर सत्यापित बाट से मानक अनुरूप वजन नहीं आया तो संबंधित करोबारी कार्यवाही के पात्र है
ऐसे होता है सत्यापन का कार्य
सत्यापन का कार्य नाप तौल विभाग के द्वारा प्रयोगशाला में किया जाता है। प्रयोगशाला में पीतल का तराजू एवं बाट होता है जो तय मानक के होते हैं। इन्ही के द्वारा कारोबारियों के तौल उपकरणों का सत्यापन कर विभाग की शील लगाई जाती है।
![](https://vindhyachaltoday.com/wp-content/uploads/2022/09/Untitled-2.jpg)