ब्राजील के मूल जनजाति के आखिरी व्यक्ति की मौत

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ब्राजील के मूल जनजाति के आखिरी व्यक्ति की मौत

26 वर्षों से बाहरी दुनिया से नही था कोई भी संपर्क

यह व्यक्ति मूल ब्राजील समुदाय जनजाति के आखिरी सदस्य थे जो की ब्राज़ील के घने जंगलों में अकेले रह रहे थे जिनका नाम भी किसी को नहीं पता था

अगर इनकी पहचान की बात करें तो इन्हे “मैन ऑफ द होल” कहा जाता है क्यों की ये अपने आस पास सहित जंगलों में जमीन में गहरे गड्ढे खोदते थे जिनमे से कुछ गढ्ढों का प्रयोग जानवरों के शिकार में तो कुछ का प्रयोग वो खुद के रहने और छिपने के लिए भी करते थे

बता दें कि अधिकारियों ने इनकी मौत की पुष्टी करते हुए बताया कि उनका शव उनकी झोपड़ी के बाहर जंगली बेलों से बने झूले में लटकते हुए मिला जिसे देख कर यह पता चला कि  किसी भी प्रकार की हिंसा से उनकी मौत नही हुई बल्की प्राकृतिक रूप में उनकी प्रत्यु हुई है

ब्राजील के मूल निवासी समुदाय के लिए ब्राजील के संविधान में वर्णित है की उनकी पारंपरिक जमीन पर सिर्फ उन्ही का अधिकार है कोई उनकी जमीन को हथिया नही सकता इसीलिए वहां के किसानों द्वारा उनकी हत्या कर जमीन पर कब्ज़ा कर लिया जाता था माना जाता है की इस जनजातीय समूह के अधिकतर लोगो को 1970  के समय में उन किसानों ने मार डाला था जो अपनी जमीनों को विस्तार देना चाहते थे

माना जाता है की आखरी बचे व्यक्ति की उम्र लगभग 60 वर्ष की थी । 1995 में इस समुदाय के बांकी छह सदस्य मारे गए थे जो की बोलिबिया की सीमा से सटे रोंडोनिया राज्य में तनारू स्वदेशी क्षेत्र में रहता था

ब्राजील की इंडिजिनियस अफेयर एजेंसी के एक एजेंट 1996 से “मैने ऑफ द होल” की देख रेख में लगे थे